टैक्स भरे या बचाये?

भारत में कैश पैमेंट करने का एक लोकप्रिय साधन है। इंटरनेट और फिनटेक में आयी तरक़्क़ी ने भले ही लोगों को डिजिटल पैमेंट की तरफ धकेला हो, लेकिन आज भी ज्यादातर लोग कैश से ही सारी पैमेंट करना पसंद करते हैं। और यह कैश हमारी अर्थव्यवस्था (इकॉनमी) में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हमें कभी-कभी ऐसे अवसर मिलते हैं, जहाँ हम अपने पैमेंट कैश में लेकर टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में हम ऐसा क्या बचाते हैं?

आपकी आमदनी या पैमेंट का 30% — अगर आप टॉप टैक्स ब्रैकेट में हैं।

आपकी आमदनी या पैमेंट का 10–20% — अगर आप लौ टैक्स ब्रैकेट में हैं।

मान लीजिये, आप अपनी पैमेंट टैक्स बचाने के लिए कैश में लेने लगे, तो दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि आप यह कैश रखेंगे कहाँ?

कैश निवेश करने के तीन बहुत ही लोकप्रिय साधन हैं –

  1. सोना
  2. रियल एस्टेट
  3. या पैसे खर्च कर देना

अगर हम उस कैश को खर्च कर दें, तो बिना कोई सही इस्तेमाल हुई उसका 100% मूल्य चला जाता है।

और अगर हम गोल्ड या रियल एस्टेट खरीदें, तो उसको सुरक्षित रखना भी एक अलग ज़िम्मेदारी है। आम तौर पर पहले बताई हुई यह दोनों इन्वेस्टमेंट, आपको सालाना 10% रिटर्न देती हैं।

क्या होगा अगर हम 30% टैक्स का भुगतान करें और शेयर बाजार में 70% इन्वेस्ट कर दें?

आपको सालाना 20% का औसत रिटर्न मिलेगा और अगर आपने हमारी एडवाइजरी सर्विसेज का फायदा उठाया तो हम इसको कम्पाउंडिंग की मदद से 30 % में बदल सकते हैं। अंत में जिसका फायदा आपको ही होगा।

तो कैश में 10% और इक्विटी में 20/30% ऐसी कौनसी बड़ी बात है ?

यदि आप ऊपर दिए गए चार्ट को देखें, तो आपको पता चलेगा कि गोल्ड और रियल एस्टेट 100 रुपए के शुरुआती इन्वेस्टमेंट से केवल 10% ही कंपाउंड हुए। बीस साल के बाद, यह 100 रुपए बढ़कर 612 रुपए हो गए।

वहीं दूसरी ओर, हमने 70 रुपए का इन्वेस्टमेंट शेयर मार्केट में किया 30% टैक्स देने के बाद। बीस साल बाद जब हमने कैलकुलेट किया तो 20% रिटर्न के साथ वही पैसे बढ़कर 2236 रुपए बन गए थे। अगर सोचा जाए तो वही इन्वेस्टमेंट 30% रिटर्न देने पर 10233 रुपए बन जाएंगे।

यहां तक ​​कि गोल्ड और रियल एस्टेट में 30% के हेडस्टार्ट के बाद भी उनके रिटर्न लम्बे समय में काफी पीछे छूट जाते हैं।

आपके लिए एक बोनस

शेयर बाजार से होने वाले मुनाफा में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 50% टैक्स की छूट भी होती है। यहाँ एक साल के भीतर होने वाले मुनाफे की बात हो रही है। इस पर 30% टैक्स लगने के बजाये 15% टैक्स लगता है।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (1 साल से अधिक समय से लाभ) पर 70% टैक्स की छूट मिलती है, जिस पर 30% के बजाये 10% टैक्स लगता है।

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